Europe me Rashtra ka Uday class 10th Question Answer || by Pankaj sir

Europe me Rashtra ka Uday class 10th Question Answer || by Pankaj sir

प्रश्न 1 निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें-

1.ज्युसेपे मेत्सिनी

2.काउंट कैमिलो दे कावूर

3.यूनानी स्वतंत्रता युद्ध

4.फ्रैंकफर्ट संसद

5.राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका।

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1.ज्युसेपे मेत्सिनी –

उत्तर: (क) ज्युसेपे मेजिनी: इटली का एक महान क्रांतिकारी जिसने ‘यंग इटली’ नामक आंदोलन चलाया और जिसके फलस्वरूप इटली में एकीकरण की भावना को बल मिला। इटली के इस क्रांतिकारी का जन्म 1807 ईसवी में जेनेवा में हुआ था। उसने 1848 ईसवी में रोम पहुंचकर वहां के पोप से पैपल राज्य को स्वतंत्र कराया। उसके इस कार्य से पूरे यूरोप के सभी राज्यों को धर्म के प्रभुत्व से स्वतंत्र होने के लिए प्रोत्साहना मिली।

2.काउंट कैमिलो दे कावूर

(ख) काउंट कैमिलो दे कावूर: इटली के एकीकरण का वास्तविक श्रेय कावूर को ही जाता है। कावूर को इटली का बिस्मार्क माना जाता है। 1852 ईसवी में वह सार्डिनिया का प्रधानमंत्री बना तथा इटली के एकीकरण के कार्य में जुड़ गया। उसने अपनी कूटनीतिक चालों द्वारा इस कार्य को पूर्ण किया। उसने कई युद्धों में भाग लेकर इटली के राज्यों को सार्डिनिया के साथ मिलने का अवसर प्रदान किया।  इतालवी अभिजात वर्ग के सभी अमीर और शिक्षित सदस्यों की भांति वह फ्रेंच भाषा इतालवी भाषा में ही बढ़िया बोलता था। उसने 1860 में दक्षिणी इटली और दो सिललियों को जीतने में ज्यूसेपे गैरीबाल्डी का साथ लिया। उसकी मृत्यु के समय रोम और वेनेशिया के राज्यों को छोड़कर इटली के एकीकरण का काम पूर्ण हो चुका था।

3.यूनानी स्वतंत्रता युद्ध –

(ग) यूनानी स्वतंत्रता युद्ध : एक ऐसी घटना जिसने पूरे यूरोप के समाज में राष्ट्रीय भावना उत्पन्न की, यह यूनानी स्वतंत्रता युद्ध के नाम से जानी जाती है। इस युद्ध का आरंभ 1821 ई में हुआ। इस घटना का वर्णन इतिहास के उन महत्वपूर्ण घटनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।15 वी शताब्दी में यूनान ऑटोमन साम्राज्य का ही एक भाग था। कवियों और महान कलाकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालना बताकर देश की प्रशंसा की और उन्होंने मुस्लिम साम्राज्य के खिलाफ यूनान के संघर्ष के लिए जनमत भी इकट्ठा किया।  1824 में एक लॉर्ड बायरन नाम के अंग्रेज कवि जिन्होंने धन इकट्ठा किया यहां तक कि पूरे बल और साहस के साथ युद्ध लड़ने के लिए भी तैयार हो गए, और युद्ध भी लड़ा परंतु अंत में तेज बुखार के कारण उनकी मृत्यु हो गई। अंत में आखिरकार 1832 कि कुस्तुनतुनिया की संधि ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र नियुक्त किया।

(घ) फ्रैंकफर्ट संसद –

1.1848 ईस्वी में जब यूरोप में एक क्रांति की लहर उठी तो जर्मन इलाकों में भी बड़ी संख्या में राजनीतिक संगठनों ने फ्रैंकफर्ट शहर में मिलकर एक सर्व-जर्मन नेशनल असेंबली के पक्ष में मतदान करने का फैसला किया।

2.18 मई 1848 को 831 निर्वाचित प्रतिनिधियों ने सजे-धजे जुलूस में जाकर फ्रैंकफर्ट संसद में अपना स्थान ग्रहण किया। यह संसद सेंट पॉल चर्च में आयोजित हुई थी।

3.उन्होंने एक जर्मन राष्ट्र के लिए संविधान का प्रारूप तैयार किया और राजा फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ के सामने ताज पहनने की पेशकश रखी।

4.फ्रेडरिक ने ऑस्ट्रिया के डर के कारण यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया।

5.अंत में सेना को बुलाया गया और असेंबली भंग हो गई।

इस प्रकार जर्मनी के एकीकरण का यह प्रयास असफल रहा।

(ड़) राष्ट्रवाद संघर्षों में महिलाओं की भूमिका:

  1. राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
  2. राष्ट्रवादी आंदोलन में सभी यूरोपीय राज्यों जैसे फ्रांस ,इटली की महिलाओं ने सक्रिय भाग दीया।
  3. महिलाओं ने अपने अनेक राजनीतिक संगठनों की उत्पत्ति की।
  4. इन्होंने खुद के समाचार पत्र शुरू किए।
  5. नारी रूपकों का आविष्कार कलाकारों ने 19वीं सदी में किया।
  6. महिलाओं ने अधिक मात्रा में प्रदर्शनों और राजनितिक बैठको में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई।

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प्रश्न 2 फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाए?

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उत्तर – प्रारंभ से ही फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने ऐसे अनेक कदम उठाए, जिनसे फ्रांसीसी लोगों में एक सामूहिक पहचान की भावना उत्पन्न हो सकती थी। ये कदम निम्नलिखित थे

  • पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया, जिसे एक संविधान के अंतर्गत समान अधिकार प्राप्त थे।
  • एक नया फ्रांसीसी झंडा चुना गया, जिसने पहले के राष्ट्रध्वज की जगह ले ली।
  • इस्टेट जेनरल का चुनाव सक्रिय नागरिकों के समूह द्वारा किया जाने लगा और उसका नाम बदलकर नेशनल एसेंब्ली कर दिया गया।
  • नई स्तुतियाँ रची गईं, शपथे ली गईं, शहीदों का गुणगान हुआ और यह सब राष्ट्र के नाम पर हुआ।
  • एक केंद्रीय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई, जिसने अपने भू-भाग में रहनेवाले सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनाए।
  • आंतरिक आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिए गए और भार तथा नापने की एक समान व्यवस्था लागू की गई।

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प्रश्न 3 मारीआन और जर्मेनिया याकौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित कि गया उसका क्या महत्त्व था? 

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उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान कुछ कलाकारों ने नारी रूपकों का प्रयोग अनेक प्रकार से अपने विचारों (स्वतंत्रता, मुक्ति, ईर्ष्या, लालच, एकता आदि) को प्रकट करने के लिए किया। फ्रांस में राष्ट्र के प्रतीक के रूप में लोकप्रिय नाम मारीआन दिया गया। उसी लाल टोपी, तिरंगा और कलगी के साथ दिखाया गया और उसकी प्रतिमा सार्वजनिक चौराहों पर लगाई गई ताकि लोगों को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद आती रहे।

इसी तरह जर्मेनिया भी जर्मन राष्ट्र के प्रतीक का रूप थी। उसके मुकुट को बलूत के वृक्ष के पत्तों से सजाया गया था क्योंकि बलूत जर्मनी में वीरता का प्रतीक माना जाता है।

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प्रश्न 4. जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षेप में पता लगाइए।

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उत्तर: (1). पहली अवस्था – 18 वीं शताब्दी में जर्मनी अनेक राज्यों में बैठा हुआ था जिसके कारण उसका आर्थिक विकास बहुत ही धीमा था। 1815 ईसवी में जर्मनी के राज्यों को ऑस्ट्रिया के साथ मिलाकर एक जर्मन महासंघ की स्थापना की कोशिश की गई लेकिन यह कोशिश नाकाम रही।

(2). दूसरी अवस्था – बिस्मार्क ने अपनी रक्त और लौह की नीति द्वारा जर्मनी के एकीकरण के काम को पूरा किया।

(3). तीसरी अवस्था – 1866 ईस्वी में जर्मनी का ऑस्ट्रेलिया के साथ युद्ध हुआ जिसमें जर्मनी की जीत हुई और उसके साथ अनेक प्रदेश जैसे: हैनोवर, होल्सटीन, लक्समवर्ग, कैसल और फ्रैंकफर्ट आदि आ मिले। इससे जर्मनी के एकीकरण का काम काफी आसान हो गया।

(4). चौथी अवस्था – 1870 ईस्वी में फ्रांस को हराने के बाद जर्मनी ने उससे आल्सेस और लॉरेन के महत्वपूर्ण प्रदेश छीन लिए। इससे प्रभावित होकर बाकी बचे हुए प्रदेश भी जर्मन महासंघ में शामिल हो गए। इस प्रकार बिस्मार्क के प्रयत्नों से 1870 ईसवी में जर्मनी के एकीकरण का कार्य पूरा हुआ।

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प्रश्न 5. अपने शासनकाल वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए?

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उत्तर: नेपोलियन द्वारा किए गए प्रमुख प्रशासनिक सुधारों में निम्नलिखित विशेषकर उल्लेखनीय है:

1.जन्म पर आधारित विशेषाधिकार को समाप्त किया गया और समानता के कानून को लागू किया गया।

  1. यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार किया गया।
  2. सभी किसानों, मजदूरों और कारीगरों को अपने क्षेत्रों में बिना कोई काम रोक टोक के काम करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई।
  3. नाप-तोल की एक ही इकाई रखी गई।
  4. एक ही राष्ट्रीय मुद्रा ही चलाई गई।

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Sanskrit men patra || sanskrit men patra kaise likhe

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