अब हम बताएँगे यूरोप में राष्ट्रवाद (all subjective Question ) के बारे में
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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न : ( 20 शब्दों में उत्तर दें )
1. राष्ट्रवाद क्या है ?
Ans:- राष्ट्रवाद किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में बसने वाले व्यक्तियों में एकता की भावना को जगाता है एवं यह देश के प्रति प्रेम और लगाव की भावना है |
2. मेजिनी कौन था ?
Ans :- मेजनी इटली के एक साहित्यकार थें, इनका जन्म 1805 ई० में हुआ था जोगणतांत्रिक विचारों का समर्थक थें एवं वें एक योग्य सेना पति भी थें | इटली के एकीकरण में मेजिनी का महत्वपूर्ण योगदान था | मेजिनी के पास व्यवहारिक गुण बहुत कम और आदर्शवादी गुण ज्यादा था |
3.जर्मनी के एकीकरण की बाधाएं क्या थीं ?
Ans:- जर्मनी के एकीकरण की निम्न भाधएं थी
(i) लोगों में देश के प्रति भावना का कमी था
(ii) जर्मनी का लगभग 300 छोटे बड़े राज्यों अलग थें
(iii) जर्मनी में धार्मिक एवं राजनीतिक तथा सामाजिक के आधार पर लोगों में उच नीच की भावना थी
(iv) शक्तिशाली राज्य कभी नहीं चाहता था की जर्मनी का एकीकरण हो etc
4. मेटरनिख युग क्या है ?
Ans:- मेटरनिख युग यूरोप में 1815 ई० से 1848 ई0 के मध्य काल को कहा जाता है | क्योंकि 1815 ई० में आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख का वियना कॉंग्रेस(सम्मलेन) का नेतृत्व करने के साथ साथ मेटरनिख युग का सुरुआत हुआ और 1848 ई0 की क्रांति के बाद मेटरनिख युग का अंत हो गया |
लघु उत्तरीय प्रश्न :- (60 लगभग शब्दों में उत्तर दें )
1. 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे ?
Ans:- लुई फिलिफ के शासन काल में 1848 ई० की क्रांति हुई थी | फ्रांस का सम्राट लुई फिलिफ था | इस क्रांति के दौरान यूरोप में मेटरनिख युग का अंत हो गया |
कारण:-
(i) लुईफिलिप अपने विरोधियों को खुश करने के लिए “स्वर्णिम मध्यमवर्गीय नीति” का अवलंबन किया जो इस क्रांति का कारण बना |
(ii) लुई फिलिफ ने अपना प्रधानमंत्री गिजो को बनाया जो कट्टर प्रतिक्रिया वादी था
(iii) वैधानिक सामाजिक और आर्थिक सुधारो का गिजो विरोध करता था
2. इटली , जर्मनी के एकीकरण में आस्ट्रिया की भूमिका क्या थी ?
Ans:-जब इटली का एकीकरण हो रहा था | उसी समय जर्मन क्षेत्र में भी समान प्रक्रियाएं चल रही थी
इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया बहुत बरा बाधक था |
1830 ईस्वी के क्रांति के बाद इटली में आन्दोलन होना प्रारंभ हो गया था
लेकिन ऑस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक द्वारा आन्दोलन को दबा दिया गया
जिससे इटली का एकीकरण धीमा पर गया | इसी प्रकार जर्मनी में भी मेटरनिक
द्वारा राष्ट्रीय आंदोलनों को दबाया जा रहा था
3. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ ?
Ans :-नेपोलियन बोना पार्ट का बहुत बड़ा योगदान था यूरोपे में राष्ट्रवादी भावना को बढ़ाने में , नेपोलियन बोना पार्ट राईन राज्य संघ का स्थापना किया था जर्मन प्रदेश को जितरकर, तभी से जर्मनी में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ने लगी एवं यूरोप के अन्य क्षेत्रों में फैलने लगी थी |
4. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें |
Ans:-गैरीबाल्डी पेशे से नाविक(नाव खेवने वाला) था | इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी का बहुत बड़ा योगदान था इन्होने युवाओं का एक शक्ति शाली सेना तैयार किया जो “लाल कुर्ती” के नाम से जाना गया था | इस सैनिक को लेकर इन्होने सिसली तथा नेपल्स को जीतकर वहां गणराज्य की स्थापना की, बाद में इन्होने अपनी सारी सम्पति राष्ट्र को दान कर दी ..
5. विलियम I के बगैर जर्मनी का एकीकरण विस्मार्क के लिए असंभव था – कैसे ?
Ans :- विलियम I ने विस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया था | ताकि जर्मनी के एकीकरण हो सके , जर्मनी के एकीकरण के लिए उन्होंने बहुत सारे युद्ध किएं और जर्मनी के एकीकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिए | विलियम I के बैगर विस्मार्क के लिए जर्मनी का एकीकरण करना असम्भव था |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :- (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें )
1. इटली के एकीकरण में मेजिनी काबूर और गैरीबाल्डी के योगदानों को बतावें |
Ans:- इटली के एकीकरण में इन तीनो का योगदान निम्नलिखित है |
(i) मेजिनी का योगदान :- इनका उद्देश्य इटली का एकीकरण करने के लिए ऑस्ट्रिया के प्रभाव से इटली को मुक्त कराना था | राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर इन्हों ने “कर्बोनरी” की सदस्यता ग्रहण की | अपने उदेश्य को पूरा करने के लिए इन्होने यंग इटली एवं यंग यूरोप की भी स्थापना कियें |
(ii) कबूर का योगदान :- इटली के एकीकरण में कबूर भी ऑस्ट्रिया को ही सबसे बड़ा बाधक माना था | 1860-61 में काबूर ने सिर्फ रोम को छोड़कर उत्तर तथा मध्य इटली की सभी राज्यों को मिलाकर सभी लोगों से सहमती भी ले लिया |
(iii) गैरीबाल्डी का योग दान :- ऊपर के प्रश्न क्रमांक 4 का उत्तर देखें
2.जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें |
Ans :- विलियम I जो प्रशा का राजा था इन्होने जर्मनी के एकीकरण को ध्यान में रख कर बिस्मार्क को अपना चांसलर बना लिया | बिस्मार्क एक प्रख्यात राष्ट्रवादी और कुटनीतिग्य था | बिस्मार्क का कहना था की जर्मनी का एकीकरण रक्त और तलवार की नीति से होगा न की आदर्शवादी से , विस्मार्क ने सबसे पहले धन दौलत से प्रशा की इस्थिति सुधार एवं सैनिक सक्तियों को भी मजबूत किया | उन्होंने जर्मनी के एकीकरण के लिए निम्न देशो से युद्ध किएं
(i) डेनमार्क
(ii) ऑस्ट्रिया
(iii) फ्रांस
(iv) सेडान :- के युद्ध में फ्रांसीसियों को बुरी तरह से हराया सेडान के युद्ध के बाद जर्मनी का उदय महाशक्ति के रूप में हुआ
3. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव की चर्चा करें |
Ans:- राष्ट्रवाद के उदय के कारण :-
(i) फ्रांसीसी क्रांति एवं नेपोलियन की विजय शक्ति से यूरोपे में राष्ट्रवादी भावना का उजागर हुआ
(ii) राष्ट्रवाद की भावना को उजागर किया नेपोलियन ने जिस जिस राज्यों को जीता था उस राज्य में
(iii) शिक्षक , व्यापारी इत्यादि के उदय से राष्ट्रवादी भावनाओ का विकास हुआ ऐसे वर्ग क्रांतियों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किएं
राष्ट्रवाद के उदय का प्रभाव :-
(i) राष्ट्रवाद के उदय के प्रभाव से बहुत सारे आन्दोलन एवं क्रांतियाँ हुई | जिससे अनेक नए राष्ट्रों का उदय हुआ
(ii) यूरोप के राष्ट्रवाद के विकास का प्रभाव एशिया और अफ्रिका में भी पड़ा और यहाँ भी राष्ट्रिय आन्दोलन होने लगा
(iii) राष्ट्रवाद के उदय के प्रभाव से मन मानी करने वाले शासक का प्रभाव कमजोर हो गया |
4 . जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें |
Ans:- चार्ल्स x के शासन में जुलाई 1830 की क्रांति हुई थी | जो फ्रांस में उभर रहे राष्ट्रीयता और क्रांति को दबा रहा था | पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री चार्ल्स x ने बना दिया | पोलिग्नेक प्रधानमंत्री बनते ही सासन नागरिक संहिता के स्थान पड़ शक्तिशाली अभिजात्य वर्ग की किया | और उसे विशेष अधिकार देने का प्रयास किया | इस कदम को उदारवादियों ने षड्यंत्र समझा फिर प्रतिनिधि सदन एवं उदारवादियों ने पोलिग्नेक का विरोध करने लगा | इस विरोध के जवाब के रूप में चार्ल्स x ने 25 जुलाई 1830 ई० को चार अध्यादेशो द्वारा उदारवादियों को दबाने का प्रयास किया | फिर पेरिस में की लहर दौड़ी जो फ्रांस का जुलाई 1830 की क्रांति था |
5. यूनानी स्वतंत्रता आन्दोलन का संक्षिप्त विवरण दें |
Ans :- यूनान का अतीत फक्र करने जैसा था फिरभी यूनान तुर्की का गुलाम था | जब फ्रांस की क्रांति हुई तो यूनान के लोगो में भी राष्ट्रवादी भावनाओं का उजागर हुआ | तुर्की शासन से स्वयं को अलग करने के लिए यूनान के लोगों ने भी आन्दोलन सुरु कर दिया | जैसे ही तुर्की शासक को इस आन्दोलन का पता चला तो यूनान के लोगों को कुचलने लगा और आन्दोलन को दबाने लगा | फिर लन्दन में हुआ सम्मेलन के निर्णय अनुसार इंग्लैण्ड , फ्रांस एवं रूस ने मिलकर तुर्की के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया | इस संयुक्त कार्रवाई से तुर्की बुरी तरह से युद्ध में हार गया |
मुझे उम्मीद है की यूरोप में राष्ट्रवाद (all subjective Question ) को देख लिए होंगे और याद करने का प्रयास करेंगे
श्वसन तंत्र || Respiratory system
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