aaj main aapko Hindi Chapter -7 (Prampra Ka Mulyankan) ka online test lagane wala hun.
1. जातीय अस्मिता की दृष्टि से इतिहास का प्रवाह कैसा है?
(A) विच्छिन
(B) अविच्छिन
(C) विच्छिन और अविच्छिन
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) विच्छिन और अविच्छिन
2. साहित्य की पम्परा का पूर्ण ज्ञान किस व्यवस्था में संभव है?
(A) सामन्तवादी व्यवस्था
(B) पूँजीवादी व्यवस्था
(C) समाजवादी व्यवस्था
(D) उपर्युक्त सभी
(C) समाजवादी व्यवस्था
3. साहित्य के निर्माण में प्रतिभाशाली मनुष्यों की भूमिका है|
(a)नगण्य
(B) निर्णायक
(C) नकारात्मक
(D) इनमें से कोई नहीं
(B) निर्णायक
4. ‘जारशाही’ कहाँ थी?
(A) रूस में
(B) जापान में
(C) फ़्रांस में
(D) चीन में
(A) रूस में
5. परम्परा का ज्ञान किसके लिए आवश्यक है?
(A) जो लकीर के फकीर है
(B) जो उपयोगी साहित्य की रचना न करे
(C) जो लकीर के फकीर न होकर क्रांतिकारी साहित्य की रचना करें
(D) जो उपयोगी साहित्य की रचना न करें
(C) जो लकीर के फकीर न होकर क्रांतिकारी साहित्य की रचना करें
6. ‘निराला की साहित्य साधना’ के रचनाकार हैं।
(A) रघुवीर सहाय
(B) अनेय
(C) जायसी
(D) रामविलास शर्मा
(D) रामविलास शर्मा
7. लेखक रामविलास शर्मा के गाँव का क्या नाम था?
(A) ऊँचगा सानी
(B) ऊँचगाँव सानी
(C) उचका गाँव सैनी
(D) ऊँचागाँव सैनी
(B) ऊँचगाँव सानी
8. ‘भौतिकवाद का अर्थ भाग्यवाद नहीं है’-किस निबंध की पंक्ति है?
(A) नागरी लिपि
(B) परम्परा का मूल्यांकन
(C) श्रम विभाजन और जाति प्रथा
(D) नाखून क्यों बढ़ते हैं
(B) परम्परा का मूल्यांकन
9. रामविलास शर्मा का जन्म कब हुआ था?
(A) 1910 ई० में
(B) 1911 ई० में
(C) 1912 ई० में
(D) 1914 ई० में
(C) 1912 ई० में
10. ‘परंपरा का मूल्यांकन’ शीर्षक पाठ साहित्य की कौन विधा है?
(A) कहानी
(B) निबंध
(C) व्यंग्य
(D) संस्मरण
(B) निबंध
11. लेखक रामविलास शर्मा कब से कब तक भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के महामंत्री रहे|
(A) 1948 से 1952 ई० तक
(B) 1949 से 1953 ई० तक
(C) 1950 से 1951 ई० तक
(D) 1947 से 1952 ई० तक
(D) 1947 से 1952 ई० तक
12.”द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद मनुष्य की चेतना को आर्थिक संबंधों से प्रभावित मानते हुए उसकी सापेक्ष स्वाधीनता स्वीकार करता है।” यह पंक्ति किस शीर्षक पाठ की है?
(A) शिक्षा और संस्कृति
(B) आविन्यों
(C) परम्परा का मूल्यांकन
(D) नौबतखाने में इबादत
(C) परम्परा का मूल्यांकन
13. सामाजिक विकास-क्रम में सामन्ती सभ्यता की अपेक्षा किस सभ्यता को अधिक प्रगतिशील कहा जा सकता है?
(A) नैश्वरवादी सभ्यता को
(B) एकेश्वरवादी सभ्यता को
(C) पूँजीवादी सभ्यता को
(D) इनमें से कोई नहीं
(C) पूँजीवादी सभ्यता को
14. मनुष्य और परिस्थिति का संबंध है
(A) सापेक्ष
(B) मित्रवत
(C) निरपेक्ष
(D) द्वन्द्वात्मक
(D) द्वन्द्वात्मक
15. जारसाही रूस के सोवियत समाज में पढ़े जाने वाले लोकप्रिय साहित्यकार कौन हैं?
(A) तोल्सतोय
(B) ऑलीवर
(C) थॉमस हार्डी
(D) वाल्टर स्कॉट
(A) तोल्सतोय
16. ‘बड़े भाई’ किस लेखक की रचना है?
(A) बिरजू महाराज
(B) यतीन्द्र मिश्र
(C) रामविलास शर्मा
(D) महात्मा गाँधी
(C) रामविलास शर्मा
17. निम्नलिखित में से कौन हिन्दी आलोचना के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर थे?
(A) भीमराव अंबेदकर
(B) बिरजू महारा)
(C) मैकस मूलर
(D) रामविलास शर्मा
(D) रामविलास शर्मा
18. ‘एथेंस’ किस महादेश में है?
(A) एशिया में
(B) अफ्रीका में
(C) ऑस्ट्रेलिया में
(D) यूरोप में
(D) यूरोप में
19. कौन मनुष्य के संपूर्ण जीवन से संबद्ध है?
(A) धन
(B) साहित्य
(C) ऐश्वर्य
(D) अपव्यय
(B) साहित्य
20. लैटिन कवि वर्जिल पर किसने एक बड़ी अच्छी कविता लिखी थी?
(A) अंग्रेज कवि टेनीसन
(B) हिन्दी कवि प्रेमघन
(C) गुरु नानक
(D) रेनर मारिया रिल्के
(A) अंग्रेज कवि टेनीसन
21. लेंखक रामविलास शर्मा को उनकी किस रचना पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ?
(A) निराला की साहित्य साधना
(B) बड़े भाई
(C) भारत की भाषा समस्या
(D) भापा और समाज
(A) निराला की साहित्य साधना
22.’यथेष्ठ’ शब्द का अर्थ क्या है?
(A) अधिकार
(B) पर्याप्त
(C) विकास
(D) निराशा
(B) पर्याप्त
23.’परम्परा का मूल्यांकन’ शीर्षक पाठ के लेखक हैं
(A) रामविलास शर्मा
(B) नलिन विलोचन शर्मा
(C) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(D) विनोद कुमार शुक्ल
(A) रामविलास शर्मा
24.”एक भाषा बोलनेवाली जाति की तरह अनेक भाषाएँ बोलनेवाले राष्ट्र की भी अस्मिता होती है।” यह किस शीर्षक पाठ की पंक्ति है?
(A) भारत से हम क्या सीखें
(B) नाखून क्यों बढ़ते हैं
(C) नागरी लिपि
(D) परंपरा का मूल्यांकन
(D) परंपरा का मूल्यांकन
25.’आदिम’ शब्द का अर्थ है
(A) नया
(B) अतिप्राचीन
(C) पर्याप्त
(D) अपर्याप्त
(B) अतिप्राचीन
26. “यदि मनुष्य परिस्थितियों का नियामक नहीं है तो परिस्थितियाँ भी मनुष्य की नियामक नहीं हैं।” यह कथन किस लेखक का है?
(A) हजारी प्रसाद द्विवेदी का
(B) गुणाकर मुले का
(C) रामविलास शर्मा का
(D) मैक्स मूलर का
(C) रामविलास शर्मा का
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. परम्परा का ज्ञान किसके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है और क्यों?
डॉ० रामविलास शर्मा ने अपने निबंध ‘परम्परा का मूल्यांकन’ में समाज, साहित्य और परम्परा के पारस्परिक संबंधों की सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक मीमांसा की है । साहित्य की परंपरा का ज्ञान उन लोगों, लेखकों, चितकों के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है जो लोग साहित्य में युग परिवर्तन करते हैं, जो लोग लकीर के फकीर नहीं है, जो रूढ़ियों तोड़कर क्रांतिकारी साहित्य रचना चाहते हैं। इससे समाज में बुनियादी परिवर्तन करके वर्गहीन शोषण मुक्त समाज की स्थापना की जा सकती है।
2. राजनीतिक मूल्यों से साहित्य के मूल्य अधिक स्थायी कैसे होते हैं? ‘परंपरा का मूल्यांकन’ शीर्षक पाठ के अनुसार उत्तर लिखें।
राजनीतिक मूल्यों से साहित्य के मूल्य अधिक स्थायी होते हैं क्योंकि राजनीतिक मूल्य कालान्तर में नष्ट हो जाते पर साहित्य के मूल्य उत्तरोतर विकासोन्मुख होते हैं। लेखक रामविलास शर्मा इसकी पुष्टि में अंग्रेज कवि रेनीसन द्वारा लैटिन कवि वर्जिल पर रचित उस कविता की चर्चा करते हैं जिसमें कहा गया कि रोमन साम्राज्य का वैभव समाप्त हो गया पर वर्जिल के काव्य सागर की ध्वनि आज भी सुनाई देती है और हृदय को आनंद-विहल कर देती है।
3. बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारत का मुकाबला क्यों नहीं कर सकता?
डॉ० रामविलास शर्मा के अनुसार संसार का कोई भी देश, बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से, इतिहास को ध्यान में रखे तो, भारत का मुकाबला नहीं कर सकता । भारत में राष्ट्रीयता एक जाति द्वारा दूसरी जातियों पर राजनीतिक प्रभुत्व कायम करके स्थापित नहीं हुई । वह मुख्यतः संस्कृति और इतिहास की देन है । इन संस्कृति के निर्माण में इस देश के कवियों का सर्वोच्च स्थान है । क्या कोई भी देश भारत के रामायण और महाभारत का मुकाबला कर सकता है ? नहीं ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. ‘परंपरा का मूल्यांकन’ निबंध का समापन करते हुए लेखक कैसा स्वप्न देखता है? उसे साकार करने में परंपरा की क्या भूमिका हो सकती है? विचार करें।
साहित्य की परम्परा का पूर्ण ज्ञान समाजवादी व्यवस्था में ही संभव है। समाजवादी संस्कृति पुरानी संस्कृति से नाता नहीं तोड़ती, वह उसे आत्मसात करके आगे बढ़ती है। अभी हमारे देश की निरक्षर निर्धन जनता नए और पुराने साहित्य की महान् उपलब्धियों के ज्ञान से वंचित है। लेखक का स्वप्न है-
जब भारत की जनता साक्षर होगी, साहित्य पढ़ने का उसे अवकाश होगा, सुविधा होगी, तब व्यास और वाल्मीकि के करोड़ों नए पाठक होंगे। वे अनुवाद में नहीं, उन्हें संस्कृत में भी पढ़ेंगे और तब इस देश में इतने बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा कि सुब्रह्मयम भारत की कविताएँ मूलभाषा में उत्तर भारत के लोग पढ़ेंगे और रवीन्द्रनाथ की रचनाएँ मूलभाषा में तमिलनाडु के लोग पढ़ेंगे। यहाँ की विभिन्न भाषाओं में लिखा हुआ साहित्य जातीय सीमाएँ लाँघकर सारे देश की संपत्ति बनेगा। जिस भाषा के बोलने वाले अधिकतर निरक्षर हैं और अपने साहित्यकारों का बहुत से बहुत नाम सुनते हैं। वे तो इनकी रचनाएँ पढ़ेंगे ही और तब अंग्रेजी भाषा प्रभुत्व जमाने की भाषा न होकर वास्तव में ज्ञान-अर्जन की भाषा होगी। हम केवल अंग्रेजी नहीं, यूरोप की अनेक भाषाओं के साहित्य का अध्ययन करेंगे और एशिया की भाषाओं के साहित्य से हमारा परिचय गहरा होगा। तब मानव-संस्कृति की विशद धारा में भारत साहित्य की गौरवशाली परंपरा का नवीन योगदान होगा। यही है डॉ० रामविलास शर्मा का स्वप्न।
2. किस तरह समाजवाद हमारी राष्ट्रीय आवश्यकता है? इस प्रसंग में लेखक के विचारों पर प्रकाश डालें।
प्रस्तुत प्रसंग के माध्यम से लेखक रामविलास शर्मा कहते हैं कि समाजवादी व्यवस्था कायम होने पर जातीय अस्मिता खंडित नहीं होगी वरनु और पुष्ट होगी। सामाजिक विकास क्रम में सामन्ती सभ्यता की अपेक्षा पूँजीवादी सभ्यता को अधिक प्रगतिशील कहा जा सकता है और पूँजीवादी सभ्यता के मुकावले समाजवादी सभ्यता को। वास्तव में समाजवाद हमारी आवश्यकता है। पूँजीवादी व्यवस्था में शक्ति का इतना अपव्यय होता है कि उसका कोई हिसाब नहीं है। देश के साधनों का सबसे अच्छा उपयोग समाजवादी व्यवस्था में ही संभव है। अनेक छोटे-बड़े राष्ट्र जो भारत से ज्यादा पिछड़े हुए थे, समाजवादी व्यवस्था कायम करने के बाद पहले की अपेक्षा ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं और उनकी प्रगति की रफ्तार किसी भी पूँजीवादी देश की अपेक्षा तेज है। इसलिए भारत की राष्ट्रीय क्षमता का पूर्ण विकास समाजवादी व्यवस्था में ही संभव है
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mujhe ummid hain ki aap Hindi Chapter -7 (Prampra Ka Mulyankan) ka test de chuke honge.
