आइए हम लोग जानतें है dahej-pratha-par-nibandh के बारे में
जैसा की किसी कवी ने काहा है |
लाखो घर बर्बाद हुए इस दहेज़ के बोली मे
अर्थी चढ़ी हजारों कन्या बैठ न पाई डोली में
पौराणिक काल में लड़की पक्ष के द्वारा उपहार स्वरुप लड़की को आभूषण दिया जाता था जो कालांतर में दहेज़ का रूप धारण कर लिया | वर पक्ष के लोग लालच वस इसे दहेज़ के रूप में लड़की पक्ष वालो से मांग शुरू कर दिया |
दहेज़ प्रथा के कारण लड़कियों के ऊपर होने वाले प्रताड़ना |
- समय पर शादी न होना :- जैसा की हम सभी लोग देखतें है अपने आस परोस में पैसे के आभाव में लड़की की शादी समय पर नहीं हो पाता है | जिसके कारण लड़की में आत्महीनता का भोध उत्पन हो जाता है | और लड़कियां मनोवैज्ञानिक रूप से मानसिक तनाव में चली जाती है | और इसके कारण इसके सुन्दरता को प्रभाव पड़ता है जो लड़की के लिए काफी नुकशान दायक होता है |
- बेमेल विवाह का होना-: दोस्तों आप हम सब अपने गांव कस्बें में अक्सर देखतें हैं | लड़की के सामने लड़का का रूप रंग अच्छा नहीं होता है फिरभी लड़कियां चुप चाप इसे अपना नियति मान कर स्वीकार कर लेती है | जबकि लड़का लडकियों को ठुकरा दिया करता है | कभी कभी लड़की के उम्र से 10 साल अधिक उम्र के लडको से विवाह कर दिया जाता है | जिसके कारण जिन्दगी में सामंजस बिठाना कठिन हो जाता है | और जिन्दगी तनाव में चली जाति है |
- शादी का टूटना :- शादी का टूटना आजकल तो आम बात हो गयी है | दहेज़ के कारण सास ससुर और जेठानी और अपने पति के द्वारा बार बार दहेज़ के रूप में नगद राशी और आभूषण मांग किया जाता है | जिसके कारण शादी टूट जाता है | और परिवार बिखर जाता है | और लड़की की जिन्दगी नर्क हो जाता है |
- प्रताड़ित के कारण आत्महत्या करना :- जैसा हम आप सब देखतें है अपने आस-परोस की बहने ससुराल पक्ष के दहेज़ प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर लेती है | जो एक आम बात हो गयी है | हालां-की सरकार के तरफ से सुरक्षा दी जाति है | जो कहीं न कहीं नाकामयाब साबित हो रहा है | इसके लिए समाज में मानसिक रूप से एक बहुत बड़े बदलाव की जरुरत है और इसमें नवयुवकों को विशेष रूप से पहल करना जाहिए |
- मुझे उम्मीद है आप समझ गएँ होंगे की dahej-pratha-par-nibandh कैसे लिखा जाता है